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लेखनी कहानी -11-May-2023 जन्मदिन

"हैलो बेबी, कैसी हो" ? प्रहस्त बोला
"बहुत बढिया, आप कैसे हैं" ? शालिनी ने जवाब दिया 
"अरे हम पुलिस वाले कभी चैन से रहते हैं क्या ? रात दिन झंझट लगे रहते हैं जान को" प्रहस्त के स्वर में दुख था 
"वो तो है सर । आपका काम ही ऐसा है । जनता की सेवा करना । अच्छा एक बात सुनिए" 
"जी, कहिए । हमने तो आपकी आवाज सुनने के लिए ही फोन किया है । और अगर दर्शन हो जायें तो हमारा दिन बन जाए" प्रहस्त फोन पर ही "किस" करते हुए बोला 
"हां, मैं भी यही प्लान बना रही थी । चलो , एक खुशखबरी दे देती हूं" शालिनी मुस्कुराते हुए बोली 
"क्या आज मिलन होगा ? मेरे लिए तो यही एक खुशखबरी हो सकती है" प्रहस्त हंसते हुए बोला 
"हां, बाबा । उसी की तो प्लानिंग कर रही हूं" शालिनी दबे स्वर में बोली 
"अरे वाह ! फिर तो मजा आ जाएगा । बताओ कब, कहां आना है" ? प्रहस्त उछलते हुए बोला 
"ऐसा करो , रात को 8 बजे घर आ जाओ । आज मेरा जन्मदिन भी है । आज तुम्हें अपने जन्मदिन पर एक अविस्मरणीय तोहफा दूंगी" शालिनी फुसफुसा कर बोली 
"ओह माई गॉड ! अविस्मरणीय तोहफा ? और वो भी अपने जन्मदिन पर ? अपने ही घर में ? क्या अपने पति के सामने ही" ? प्रहस्त अति उत्साहित होकर बोला 
"धत् , शैतान कहीं के ! पतिदेव को तो बाहर भेज दिया है किसी काम से । इसीलिए तो आज निर्विघ्न होकर तुम्हारी मर्जी का कर सकती हूं, समझे जनाब ? तो कब आओगे" ? शालिनी ने आमंत्रण देते हुए कहा 
"ठीक आठ बजे पहुंच जाऊंगा डार्लिंग" प्रहस्त की बाछें खिल गई थीं । 

शालिनी ने अपने जन्मदिन की पूरी तैयारियां कर ली थीं । ठीक आठ बजे प्रहस्त आ गया । शालिनी ने अपने पति शरद को पहले ही भेज दिया था किसी काम से । 

प्रहस्त ने आते ही शालिनी को बांहों में भर लिया और उसके अधरों को चूमने की कोशिश करने लगा तो शालिनी ने उसे रोक दिया "इतने उतावले क्यों हो रहे हो ? मैं कहीं भागी जा रही हूं क्या ? पूरी रात पड़ी है , फिर जो चाहे कर लेना" शालिनी ने आंखों से निमन्त्रण देते हुए कहा 
"ओ मेरी जान , तुम्हें देखने के बाद एक पल भी रहा नहीं जाता है । चलो, जल्दी से केक काट लो फिर प्यार की गहराइयों में उतरने दो" प्रहस्त उसका हाथ पकड़कर बोला 

शालिनी केक काटने की तैयारी करने लगी । 
"हैप्पी बर्थ डे टू यू । हैप्पी हैप्पी बर्थ डे मेरी जानू शालिनी । हैप्पी बर्थ डे टू यू" प्रहस्त शालिनी को केक खिलाते हुए बोला । 
शालिनी ने भी प्रहस्त को केक खिलाया और फिर वह पैग बनाने लग गई 
"तुमने ये कब से लेनी शुरू कर दी" ? प्रहस्त को आश्चर्य हो रहा था शालिनी को पैग बनाते देखकर 
"सही पूछो तो तुमसे मिलकर । तुमने मेरी जिन्दगी ही बदल दी है जान । जिन्दगी जीना अभी ही सीखा है बस" शालिनी उसकी आंखों में डूबकर बोली और एक पैग उसके होठों से लगा दिया । 
प्रहस्त एक ही घूंट में पूरा पैग पी गया । "अपने लिए नहीं बनाया तुमने" ? उसने शालिनी से पूछा 
"अभी बनाऊंगी पहले तुम्हें तो पिला दूं । और तुम्हें तो वैसे भी बड़ी जल्दी मच रही है" शालिनी उसे छेड़ते हुए बोली 
"हां, जल्दी तो मच रही है । तुम्हारा हुस्न है ही ऐसा । पता है जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था तब से ही मैं तुम्हारा दीवाना हो गया था" 
"मुझे कैसे पता चलेगा ? कभी बताया है आपने" ? शालिनी ने एक और पैग बनाते हुए कहा 
"अरे, बड़ी गजब की कहानी है जानेमन । चलो, आज तुम्हें सुना ही देता हूं । एक दिन मैं और मेरी वाइफ 'ए टू जैड' मॉल में शॉपिंग के लिए गये थे । उस दिन मॉल में मैंने तुम्हें आते हुए देखा । क्या हॉट लग रही थीं तुम ! तुम्हारे साथ तुम्हारा फटीचर पति भी था । दोनों की जोड़ी कैसी लग रही थी जैसे लंगर के साथ में एक हूर चल रही हो । बस, उसी दिन से तुम्हें पाने का प्रण कर लिया था" प्रहस्त पर नशा अब चढने लगा था 
"मेरा नाम पता कैसे मिला तुम्हें" ? 
"हम पुलिस वाले हैं डार्लिंग । आखिर मैं पुलिस उपाधीक्षक ऐसे ही थोड़े बन गया हूं ? टॉपर हूं अपने बैच का । मेरे साथ मेरा गार्ड था । उसे इशारा कर दिया । वह चुपचाप तुम्हारा पीछा करता रहा और नाम, पता वगैरह सब पता कर लिया" प्रहस्त अपनी विजय पर खुश हो रहा था 
"एक पुलिस वाले के लिए नाम पता मालूम करना क्या बड़ी बात है ? पर मेरी सहेली से मेरे पर्स में ड्रग डलवाना बड़ी बात है ? वो कैसे किया" ? शालिनी ने पूछा 

इस बात पर प्रहस्त बहुत जोर से हंसा । हंसते हंसते बोला "षड्यंत्र, मैडम षड्यंत्र ! तुम्हें पाने के लिए क्या क्या षड्यंत्र नहीं रचे मैंने ? तुम्हारे सारे घरवालों, फ्रेंड्स आदि के बारे में पूरी छानबीन की तब मुझे तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड दिव्या कमजोर कड़ी महसूस हुई । एक दिन उसे अपने ऑफिस में बुलवाया तो उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई । उससे इतना ही कहा कि तुम्हारे घर में हम ड्रग्स प्लांट करवा देंगे और किसी मुखबिर से सूचना करवा देंगे । तब तुम्हें और तुम्हारे पति को सारी जिंदगी जेल में सड़ना पड़ेगा । तुम्हारे पास एक विकल्प है कि तुम अपनी सहेली शालिनी के पर्स में ड्रग रख देना और थाने में बयान दे देना कि शालिनी मुझसे नियमित रूप से ड्रग खरीदती है । बस, इससे मेरा काम चल जायेगा । 

एक दिन जब तुम्हें दिव्या एक मॉल में मिली थी और तुम उसके रेस्टोरेंट में कॉफी ले रही थीं । तब तुम वॉशरूम चली गई और दिव्या ने तुम्हारे पर्स में ड्रग का एक छोटा पैकेट डाल दिया और मुझे सूचना दे दी । बाकी काम मैंने बखूबी कर दिया । तुम्हारे घर पर दबिश देकर तुम्हारे पर्स से ड्रग बरामद कर लिया । फिर मजिस्ट्रेट के सामने दिव्या के बयान करवा दिये । अब केस पुख्ता हो गया" प्रहस्त अपने इस कार्य पर ऐसे मुग्ध हो रहा था जैसे इन्द्र ने षड्यंत्र से अहिल्या को पा लिया हो । 

"तभी आपने मुझे और मेरे पति को गिरफ्तार कर लिया और मेरे सामने ही मेरे पति की बुरी तरह पिटाई की । इससे मैं बहुत डर गई थी । पर, मेरी पिटाई नहीं की । क्यों" ? 
"तुम तो जान हो मेरी । तुम्हारी पिटाई का मतलब है मेरी पिटाई । वैसे भी, शरद को पीटने के पीछे तुम्हें भयभीत करना ही उद्देश्य था । तुम वह देने को तैयार हो गई जो मुझे चाहिए था । फिर मुझे और क्या चाहिए" ? 

शालिनी को वह सब वाकया याद आ गया था । उसके पास आत्म समर्पण के अलावा और कोई विकल्प नहीं था । प्रहस्त के चैम्बर में ही प्रहस्त ने उसके साथ वह सब किया जो एक औरत कभी नहीं चाहती है । तभी से उसने प्रहस्त को बर्बाद करने की ठान ली थी । बस, इसी प्लान के तहत उसने प्रहस्त से नजदीकी बढाई थी । घर में खुफिया कैमरे फिट किये । आज वह प्रहस्त के साथ बैठकर उसके ही मुंह से उसके "कारनामे" सुन रही है जो एक टीवी चैनल पर अभी थोड़ी देर में ब्रॉडकास्ट होने वाला है । तब तक शालिनी ने प्रहस्त को बातों में उलझाये रखा । टीवी चैनल से जैसे ही फोन आया, उसने टेलीविजन ऑन कर दिया । टीवी पर प्रहस्त अपने कारनामे सुना रहा था । उसका प्लान सफल हो गया था 
"साली, रंडी । क्या समझती है अपने आपको "? प्रहस्त ने रिवॉल्वर तान दी शालिनी पर । अचानक गोली की आवाज सुनाई दी और प्रहस्त के हाथों से रिवॉल्वर छूट कर नीचे गिर पड़ा । घर के अंदर से एस पी साहब और शरद निकले । एस पी साहब के हाथों में रिवॉल्वर था । उन्होंने ही गोली मारकर प्रहस्त का रिवॉल्वर नीचे गिरा दिया था । अचानक कुछ पुलिस वाले घर में से निकले और उन्होंने प्रहस्त को दबोच लिया । 

कोर्ट से प्रहस्त को आजीवन कारावास की सजा हो गई । जब एक रक्षक ही भक्षक बन जाए तो शालिनी जैसी लड़की ही आगे आती है इन राक्षसों से मुक्ति दिलवाने के लिए  

"हैप्पी बर्थ डे , जान" कहकर शरद ने शालिनी को बांहों में भर लिया । 

श्र हरि 
11.5.23 


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10 Comments

Babita patel

13-Jul-2023 05:31 PM

very nice

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Abhilasha Deshpande

18-Jun-2023 11:42 AM

nice

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Gunjan Kamal

14-May-2023 07:01 AM

बहुत खूब

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Hari Shanker Goyal "Hari"

14-May-2023 11:16 PM

🙏🙏

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